योग द्वारा कोविद (covid ) से बचाव

कोविद के दौरान योग का महत्व  


कोरोना वायरस, वायरस का एक बड़ा परिवार है जो साधारण सर्दी जुखाम से लेकर गंभीर श्वसन प्रणाली से संभंधित बीमारियो का कारण बनता है !

पिछले वर्ष ही चीन के वुहान शहर में नए कोरोना वायरस की पहचान हुई थी ! इस तरह का वायरस कभी भी मनुष्यों में नहीं पाया गया था ! इस वायरस को कोविद १९ (covid-19) नाम दिया गया ! 

जैसा की हम सब जानते हैं की कोविद प्रतक्ष्य रूप से हमारी रोग प्रतिरोग शक्ति को चोट पहुंचाता है ! इस रोग से तथा योग द्वारा इससे बचने के कुछ उपाय बताये गए हैं  जिनके बारे में हम आज बात करेंगे !

प्राणायाम :  रोग प्रतिरोग क्षमता को बढाने में एवम श्वसन प्रणाली को मज़बूत बनाये रखने में प्राणायाम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ! निम्नलिखित कुछ प्राणायाम इसे बनाये रखने में सहायक हैं :


  • अनुलोम विलोम : अनुलोम शब्द का अर्थ है सीधा और विलोम शब्द का अर्थ है उल्टा ! इसी प्रकार इस प्राणायाम का अभ्यास एक नासिका छिद्र से सांस अंदर और दुसरे नासिका छिद्र से बाहर छोड़ी जाती है ! इस प्राणायाम को नाड़ी शोधन प्राणायाम भी कहा जाता है!



  • कपाल भाती प्राणायाम :  कपाल भाती दो संस्कृत शब्दों के मेल से बना है कपाल जिसका अर्थ है खोपड़ी और भाती शब्द का अर्थ है तेज ! इस प्राणायाम का अभ्यास सांस को अंदर और बाहर छोड़कर किया जाता है ! इस प्रक्रिया को कम से कम ८ से १० बार दोहरायें !



आसन : निम्नलिखित कुछ आसनों के नियमित अभ्यास से भी कोविद जैसे रोगों से बचा जा सकता है :


अर्धचक्रासन 




हस्तपादासन 






त्रिकोणासन 





पश्चिमोत्तानासन 





शिशुआसन 





धनुरासन 




अधोमुखासन 






सेतुबंधासन 





सर्वांगासन 



मत्स्यासन 





 
अगले संस्करण में हम इन सभी आसनों के बारे में विस्तृत चर्चा करेंगे !

⇒धन्यवाद् ⇐
                    
                                                

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